2000 वर्ष तक कोई भी भगवान हमारी मदद
करने को नहीं आया| किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा कि ये भी इन्सान है
इनको भी जीने का अधिकार है |
किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा कि इनको भी मैंने बनाया है फिर
मै इनको मंदिर में प्रवेश करने से क्यों रोकूँ ?
किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा कि इनकी भी आवश्यकताए है,
इनको भी सुविधापूर्वक, सरल जीवन जीने
का अधिकार है | किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा जिस पानी को पशु पी सकते है
वो पानी इन इंसानों के पीने से कैसे अपवित्र
हो सकता है ? किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा इनकी भी जरूरते है इसलिए
इनको भी भविष्य के लिए धन और संपत्ति संचय
करने का अधिकार है | किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा जो लोग गाय का मूत्र पीकर
अशुद्ध नहीं होते है वो किसी इन्सान
की छाया पड़ने से कैसे अपवित्र हो सकते है?
किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा कि इनको भी ऊपर उठने
का अधिकार है और इनको भी शिक्षा प्राप्त
करने का अधिकार है ? किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा कि जब ये धरती पशु पक्षियों और
इन तथाकथित उच्च वर्ण के लोगो के मलमूत्र से
अपवित्र नहीं होता है तो फिर इन लोगो के
थूक और पदचाप से कैसे अपवित्र हो सकती है ?
फिर उस भगवान को मै क्यों मानू जिस
भगवान ने इंसानों में ही फर्क किया और
इंसानों को6743 से अधिक
श्रेणियों यानि कि जातियों में बाँट
दिया | जिस भगवान ने ये
नहीं सोचा सभी को समानता का अधिकार
है और सबको आजादी से जीने का अधिकार है,
उस भगवान को मै क्यों मानू ? मै उस इन्सान
को मानता हूँ जिसने इन
सभी बातो को जाना और हमको हर तरह
की से मुक्ति दिलाने के लिए अपना सर्वस्व
न्योछावर कर दिया|उन्होंने सारा जीवन
हमको पशु से इन्सान बनाने के लिए बलिदान कर
दिया और हमको इन्सान बना कर ही दम
लिया |
मेरे भगवान तो वही बाबा साहब DR.BHIM
RAO AMBEDKAR JI है जिनकी वजह से मै आज
आजाद हूँ |जिनकी वजह से मैंने शिक्षा प्राप्त
की, वही मेरे भगवान है | जिनकी वजह से मै आज
सिर उठाकर चल सकता हूँ वही बाबा साहब
मेरे भगवान है और मै उन बाबा साहब DR. BHIM
RAO AMBEDKAR JI को नमन करता हूँ ......... जय
भीम
करने को नहीं आया| किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा कि ये भी इन्सान है
इनको भी जीने का अधिकार है |
किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा कि इनको भी मैंने बनाया है फिर
मै इनको मंदिर में प्रवेश करने से क्यों रोकूँ ?
किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा कि इनकी भी आवश्यकताए है,
इनको भी सुविधापूर्वक, सरल जीवन जीने
का अधिकार है | किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा जिस पानी को पशु पी सकते है
वो पानी इन इंसानों के पीने से कैसे अपवित्र
हो सकता है ? किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा इनकी भी जरूरते है इसलिए
इनको भी भविष्य के लिए धन और संपत्ति संचय
करने का अधिकार है | किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा जो लोग गाय का मूत्र पीकर
अशुद्ध नहीं होते है वो किसी इन्सान
की छाया पड़ने से कैसे अपवित्र हो सकते है?
किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा कि इनको भी ऊपर उठने
का अधिकार है और इनको भी शिक्षा प्राप्त
करने का अधिकार है ? किसी भी भगवान ने ये
नहीं सोचा कि जब ये धरती पशु पक्षियों और
इन तथाकथित उच्च वर्ण के लोगो के मलमूत्र से
अपवित्र नहीं होता है तो फिर इन लोगो के
थूक और पदचाप से कैसे अपवित्र हो सकती है ?
फिर उस भगवान को मै क्यों मानू जिस
भगवान ने इंसानों में ही फर्क किया और
इंसानों को6743 से अधिक
श्रेणियों यानि कि जातियों में बाँट
दिया | जिस भगवान ने ये
नहीं सोचा सभी को समानता का अधिकार
है और सबको आजादी से जीने का अधिकार है,
उस भगवान को मै क्यों मानू ? मै उस इन्सान
को मानता हूँ जिसने इन
सभी बातो को जाना और हमको हर तरह
की से मुक्ति दिलाने के लिए अपना सर्वस्व
न्योछावर कर दिया|उन्होंने सारा जीवन
हमको पशु से इन्सान बनाने के लिए बलिदान कर
दिया और हमको इन्सान बना कर ही दम
लिया |
मेरे भगवान तो वही बाबा साहब DR.BHIM
RAO AMBEDKAR JI है जिनकी वजह से मै आज
आजाद हूँ |जिनकी वजह से मैंने शिक्षा प्राप्त
की, वही मेरे भगवान है | जिनकी वजह से मै आज
सिर उठाकर चल सकता हूँ वही बाबा साहब
मेरे भगवान है और मै उन बाबा साहब DR. BHIM
RAO AMBEDKAR JI को नमन करता हूँ ......... जय
भीम
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